दिल्ली के एक बड़े अस्पताल में 24 अप्रैल को इत्तेफाक से एक बड़ा हादसा टल गया । बीते बुधवार दोपहर करीब 1.10 बजे दिल्ली के Institute of Human Behaviour and Allied Sciences (IHBAS) हॉस्पिटल के ओल्ड फैकल्टी ब्लॉक के एक कमरे में छत से कंक्रीट का बड़ा हिस्सा फर्श पर आ गिरा ।
हांलाकि किसी को कोई चोट लगने की खबर नहीं आई है । छत से कंक्रीट का टुकड़ा ठीक उस जगह के बगल में गिरा जहां डॉक्टर बैठती हैं । इस कमरे में डॉ सुषमा कुमारी बैठती हैं , लेकिन सौभाग्य से वो उस समय अपनी कुर्सी पर नहीं थीं । लेकिन एक और डॉक्टर संगीता गोटेवाल कमरे के अंदर कुछ देर के लिए फंस गईं थीं । यदि किसी के सिर पर कंक्रीट का वह टुकड़ा गिरा होता तो बड़ा हादसा हो सकता था ।
इस घटना के बाद अस्पताल के रख-रखाव को लेकर सवाल उठ रहे हैं । वहीं IHBAS के निदेशक राजिंदर कुमार धमीजा के काम करने के तौर-तरीके को लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं । नाम का खुलासा न करने की शर्त पर अस्पताल के कई कर्मचारियों का कहना है कि घटना की खबर मिलने के बावजूद उन्होंने मामले की अनदेखी कर दी ।
बता दें मानव व्यवहार और संबद्ध विज्ञान इंस्टीट्यूट ( IHBAS ) एक मेंटल हेल्थ और न्यूरो साइंस रिसर्च इंस्टीट्यूट है जो दिल्ली के शाहदरा में स्थित है । यह पहले मानसिक रोग अस्पताल, शाहदरा के नाम से जाना जाता था । IHBAS एक बड़ा संस्थान है जो रोगियों कि संख्या के मामले में दुनिया का सबसे बड़ा अस्पताल है । IHBAS ईस्ट दिल्ली में न्यूरोलॉजी का एकमात्र सरकारी अस्पताल है, जहां दिल्ली के साथ-साथ और भी राज्यों से लोग इलाज कराने के लिए आते हैं ।