ऑपरेशन सिंदूर को सफलतापूर्वक अंजाम देने के बाद मोदी सरकार अब दुनिया भर में पाकिस्तान को बेनकाब करने की मुहिम में जुट गई है । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस मिशन में विपक्षी दलों के सांसद भी शामिल होंगे । इस रणनीति को अमली जामा पहनाने के लिए केंद्र सरकार ने 40 सांसदों की सात टीमें बनाई है जिनमें शशि थरूर, असदुद्दीन ओवैसी ,कनीमोझी और सुप्रिया सुले जैसे चेहरे शामिल हैं ।
हालांकि शशि थरूर और असदुद्दीन ओवैसी जैसे नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कट्टर विरोधी रहे हैं परन्तु ऑपरेशन सिन्धु के दौरान सरकार को इनका पूरा समर्थन मिला है ।
मोदी सरकार ने सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल गठित की है जिनका नेतृत्व शशि थरूर (कांग्रेस ), रवि शंकर प्रसाद (भाजपा ), संजय झा (जदयू ), सुप्रिया सुले (एनसीपी - शरद पवार गुट ), कनीमोझी (डीएमके ), बैजयंत पांडा (भाजपा ) और श्रीकांत शिंदे (शिवसेना ) करेंगे । सांसदों का प्रतिनिधिमंडल सिर्फ पाकिस्तान की करतूतों की पोल ही नहीं खोलेगा बल्कि दुनिया को आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस की भारत की नीती से भी अवगत करायेगा ।
कौन प्रतिनिधि मंडल कहां जाएगा ?
सांसदों के प्रतिनिधिमंडल का दौरा 23 मई से शुरू होकर 10 दिनों तक चलेगा और इस दौरान हरेक प्रतिनिधिमंडल लगभग पांच देशों का दौरा कर सकता है । ये वो देश होंगे जो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्य और भारत के प्रमुख रणनीतिक साझेदार हैं । हर प्रतिनिधिमंडल में अनुभवी राजनयिक के भी शामिल होने की बात कही गई है ।
शशि थरूर अमेरिका में भारतीय सांसदों के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर सकते हैं । इसकी वजह यह है कि शशि थरूर को संयुक्त राष्ट्र में काम करने का लंबा अनुभव रहा है । 2006 में कोफी अन्नान के बाद महासचिव की रेस में भी थे, हालांकि इसमें वो जीत हासिल नहीं कर पाए । वह कूटनीति के के बड़े जानकार हैं । उन्हे दुनिया के देशों के बारे में अच्छी समझ है । उन्हे पता है कि किस मुल्क से कैसे डील करना है । खासकर अमेरिकी माइंडसेट से वह भलिभांति परिचित है ।
रविशंकर प्रसाद के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल के सऊदी अरब, कुवैत, बहरीन और अल्जीरिया जाने की संभावना है । वहीं सुप्रिया सुले की अगुवाई वाली सांसदों की टीम ओमान, केन्या, दक्षिण अफ्रीका और मिस्र की यात्रा करेगी ।
संजय झा के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल के जापान, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, मलेशिया और इंडोनेशिया का दौरा करने की संभावना है । इस प्रतिनिधिमंडल में एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी और कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद को भी शामिल किया गया है । हालांकि सलमान खुर्शीद सांसद नहीं हैं ।
आतंकी हमले के बाद भारत ने लॉन्च किया था ‘ऑपरेशन सिंदूर’
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने जिस बर्बरता के साथ धर्म पूछकर 26 निर्दोष और निहत्थे पर्यटकों की हत्या कर दी थी , उसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐलान किया था कि आतंक फैलाने वाले लोगों और आतंक की उनकी फैक्ट्री को तबाह कर देंगे ।
इसके बाद 7 मई को भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ लॉन्च किया और पाकिस्तान में घुसकर आतंक के नौ अड्डों को तबाह कर दिया । भारतीय सेना के इस हमले में कम से कम 100 आतंकी मारे गए जिनमें भारत के कई मोस्ट वांटेड आतंकी भी शामिल थे ।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जवाब में पाकिस्तान ने भारत के कई सरहदी इलाकों में हमला किया जिसे भारतीय सेना ने न सिर्फ नाकाम कर दिया बल्कि पाकिस्तान में घुसकर उसके एयर डिफेंस सिस्टम और 11 एयर बेस को तबाह कर दिया । आखिर में पाकिस्तान को घुटनों के बल आना पड़ा ।
पाकिस्तान के अनुरोध पर भारत ने अपने हमले तो रोक दिए परन्तु साथ में यह भी कहा कि यदि पाकिस्तान की ओर से फिर से कोई नापाक हरकत की गई तो उसका और तगड़ा जवाब दिया जाएगा ।
जियो पॉलिटिक्स में बड़े बदलाव के संकेत
पाकिस्तान को भारत ने न सिर्फ उसके घर में घुसकर मारा है बल्कि अब कूटनीतिक स्तर पर भी उसकी घेरेबंदी तेज कर दी है । इसके अलावा भारतीय सेना ने जिस तरह से पाकिस्तान के चीन से मंगाए गए एयर डिफेंस सिस्टम और मिसाइलों के साथ-साथ तुर्किए से मंगाए गए ड्रोन्स को भी तबाह किया उससे ये दोनों देश काफी परेशान बताए जा रहे हैं ।
दुनिया के कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि हथियारों और डिफेंस इक्विपमेंट्स के मार्केट में इन्हे काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है क्योंकि अब इनकी विश्वसनीयता पर दुनिया भर में सवाल उठ रहे हैं ।
पाकिस्तान पर भारत की कार्रवाई से जियो पॉलिटिक्स में कई नए समीकरण बनते दिख रहे हैं । इसे देखते हुए भारत न सिर्फ अपनी रक्षा पंक्ति को और एडवांस बनाने में जुटा है बल्कि कूटनीतिक स्तर पर भी काफी सक्रिय है । सर्वदलीय सांसदों के प्रतिनिधिमंडलों को अलग-अलग देशों में भेजना भी मोदी सरकार की इसी रणनीति का हिस्सा है ।