समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आज़म खान की पत्नी तंजीन फातिमा के बयान पर जवाब देते हुए अपनी विवशता जाहिर की है । तंजीन फातिमा ने जेल में बंद अपनी पति की रिहाई के बारे में पूछे जाने पर नाराजगी जताते हुए कहा था कि अब उन्हे समाजवादी पार्टी से कोई उम्मीद नहीं रह गई है और वे सिर्फ अल्लाह से ही उम्मीद रखती हैं।
इस बारे में जब पत्रकारों ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव से पूछा तो उन्होंने आजम खान की मदद करने में एक तरह से अपनी असमर्थता जता दी । अखिलेश यादव ने कहा कि आज़म खान की मुश्किलें उत्तर प्रदेश की बीजेपी सरकार की वजह से हैं । उन पर मकदमे पर मुकदमे लगाए जा रहे हैं ।
इस स्थिति में सरकार बदलने पर यानि सपा की सरकार आने पर ही आजम खान को राहत मिल सकती है । अखिलेश यादव ने कहा कि दूसरा रास्ता कोर्ट का है जहां से उन्हे इंसाफ मिल सकता है या फिर ऊपरवाले ही मदद कर सकते हैं ।
तंजीन फातिमा ने क्यों जताई नाराजगी ?
उत्तर प्रदेश के सीतापुर जेल में बंद राज्य के पूर्व मंत्री आजम खान से उनकी पत्नी तंजीन फातिमा मिलने पहुंची थी । साथ में बेटे अदीब आजम और अब्दुल्ला आजम भी थे । ये लोग अपने साथ दस किलो दशहरी आम और कुछ जरूरी दवाइयां लेकर पहुंचे थी ।
मुलाकात के बाद जब तंजीन फातिमा बाहर आईं तो उन्होंने मीडिया से बात की । समाजवादी पार्टी आजम खान की मदद कर रही है या नहीं, इस सवाल पर तंजीन फातिमा ने कहा कि, 'मुझे अब किसी पर कोई विश्वास नहीं रहा । अब केवल अल्लाह से उम्मीद है । उनकी तबीयत ठीक नहीं है। वह बहुत कमजोर हो गए हैं।
लम्बी है ग़म की शाम....
बेटे अदीब खान ने कहा कि पिता को खजूर काफी पसंद है औऱ पिता की तबीयत ठीक नहीं है वह काफी कमजोर हो गए हैं । जेल तो जेल है, लेकिन अब्बू पहले से बहुत कमजोर हो चुके हैं ।
अदीब ने जेल के अंदर पिता के दर्द को शायराने अंदाज में बयां किया- 'लम्बी है ग़म की शाम, मगर शाम ही तो है"। इसका मतलब है कि जेल तो जेल है, लेकिन जल्द जेल से बाहर आने के रास्ते भी खुलेंगे । वहीं आजम खान की जमानत के बारे में जब अब्दुल्ला आज़म से पूछा गया तो उन्होंने चुप्पी साध ली ।
आजम परिवार के साथ नहीं दिखा सपा का कोई नेता
जेल में बंद आजम खान से मिलने जब उनका परिवार पहुंचा, तो कोई सपा नेता उनके साथ नहीं था । तो क्या संदेश साफ़ हो चुका है कि आज़म और अखिलेश के बीच जो दीवार जेल से चिट्ठी लिखने के बाद बनी थी अब वो और चौड़ी हो गई है ?
समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद एस.टी. हसन ने तंजीन फातिमा के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि पार्टी ने आज़म खान की हर मांग मानी है और उनका हमेशा साथ दिया है। उन्होंने कहा कि तंजीन के आरोप गलत हैं और पार्टी आज भी आज़म के साथ खड़ी है।
गौरतलब है कि एस.टी. हसन वही नेता हैं जिनका टिकट आज़म खान की सिफारिश पर कटवाया गया था। उनकी जगह रुचिवीरा को टिकट दिया गया था, लेकिन बाद में अखिलेश यादव ने रामपुर से मोहिबुल्लाह नदवी को टिकट देकर आज़म खान की पसंद को नजरअंदाज कर दिया था।
इस पूरे विवाद में कांग्रेस नेता इमरान मसूद ने भी ये कहकर हवा देने की कोशिश की है कि, अगर अखिलेश यादव चाहते तो आज़म खान को इतनी तकलीफ नहीं झेलनी पड़ती । उन्होंने कहा कि आज़म को अब उनके साथ आना चाहिए ।
गौरतलब है कि आज़म खान लंबे समय से जेल में बंद हैं और उनके खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। अदालत से सजा मिलने के बाद उनकी विधानसभा सदस्यता भी समाप्त हो चुकी है। उनके बेटे और पत्नी पर भी केस चल रहे हैं। आज़म कभी पश्चिमी यूपी में मुस्लिम वोट बैंक का बड़ा आधार माने जाते थे और समाजवादी पार्टी में उनकी तूती बोलती थी , लेकिन आज वो जेल में बंद हैं और विवश दिख रहे हैं ।