वक्फ संशोधन बिल 2024 संसद से पास हो चुका है और जल्द ही नए कानून का रूप लेने जा रहा है । देश भर में इसको लेकर बवाल मचा हुआ है । मामला अब सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंच गया है । उधर उन सब के बीच बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान का बड़ा बयान सामने आया है । उन्होने बिल का समर्थन करते हुए इसे सुधार की दिशा में उठाया गया एक कदम बताया है ।
बिहार के राज्यपाल ने कहा कि वक्फ की संपत्तियां अल्लाह की मानी जाती है और इसका इस्तेमाल गरीबों और जरूरतमंदों की मदद के लिए होना चाहिए । इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वह किस धर्म से ताल्लुक रखता है । आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि गैर मुस्लिमों का भी वक्फ की संपत्तियों में बराबर का हक है।
बिहार के राज्यपाल ने कुरान की आयत का उल्लेख करते हुए कहा कि ‘इसमें दो प्रकार के जरूरतमंदों- फकीर (मुस्लिम) और मिस्कीन (गैर मुस्लिम) का जिक्र किया गया है । इसका अर्थ यह है कि हर जरूरतमंद वक्फ से लाभ लेने का हकदार है । इसमें धर्म मायने नहीं रखता है । आरिफ मोहम्मद खान पटना में पूर्व उप प्रधानमंत्री जगजीवन राम की 118वीं जयंती पर राजकीय समारोह में भाग लेने पहुंचे थे।
वक्फ प्रोपर्टी का सही इस्तेमाल नहीं हो रहा - आरिफ मोहम्मद खान
वक्फ बिल को लेकर हो रहे विरोध पर आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है और विरोध प्रदर्शन करने का सबको अधिकार है । उन्होने वक्फ संपत्तियों को दुरुपयोग का जिक्र करते हुए कहा कि, पटना में वक्फ की बहुत प्रॉपर्टी है, लेकिन आप मुझे बताइए कोई एक संस्था है जो गरीब के लिए काम कर रही है । पटना में वक्फ के तहत कोई एक अस्पताल या अनाथालय नहीं चल रहा है । सिर्फ आपस में मुकदमेबाजी हो रही है।
बिहार के राज्यपाल ने वक्फ की वैधता पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि इसकी अवधारणा को मुस्लिम देशों में भी कभी गैर-इस्लामी माना गया, लेकिन 1913 में मोहम्मद अली जिन्ना द्वारा पेश एक्ट ने इसे वैधता दी । अब आप बताइए, इसकी दिशा क्या होनी चाहिए ? '
आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि जब मैं यूपी में मंत्री था, तो मैंने कुछ समय के लिए वक्फ विभाग संभाला था । हर समय मुझे ऐसे लोगों से मिलना पड़ता था, जिनके संपत्ति के मामले चल रहे थे। उन्होने प्रबंधन की खामियों की ओर इशारा करते हुए कहा कि वक्फ बोर्ड के पास काफी संपत्तियां हैं लेकिन वेतन देने के लिए पैसे नहीं हैं ।