मध्य प्रदेश सरकार ने लोकमाता देवी अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती के अवसर पर इंदौर के ऐतिहासिक राजबाड़ा में एक विशेष कैबिनेट बैठक आयोजित की। इस ऐतिहासिक बैठक में प्रदेश के लिए कई बड़ी योजनाओं और विकास कार्यक्रमों की घोषणा की गई। नगरीय विकास और आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने प्रेस को इन फैसलों की जानकारी दी।
क्या है 'राहवीर योजना'
राज्य सरकार ने सड़क सुरक्षा और नागरिक सहायता को बढ़ावा देने के लिए 'राहवीर योजना' शुरू की है। इस योजना के अंतर्गत यदि कोई व्यक्ति सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को समय रहते अस्पताल पहुंचाता है, तो उसे 25,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। यह कदम आम जनता को मानवता और जिम्मेदारी की भावना से प्रेरित करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
महिला सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा कदम
राज्य सरकार ने महिला सशक्तिकरण को अपनी प्राथमिकताओं में शामिल करते हुए कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। 31 मई को भोपाल के जम्बूरी मैदान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो लाख महिलाओं के सम्मेलन को संबोधित करेंगे। इसके अलावा, कामकाजी महिलाओं के लिए विशेष आवास सुविधा भी विकसित की जाएगी, जिसमें केंद्र सरकार का सहयोग लिया जाएगा।
किसानों को राहत: MSP में वृद्धि और 62% अधिक खरीद
कृषि क्षेत्र को सशक्त करने के उद्देश्य से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को बढ़ाकर 2400-2500 रुपये किया गया है। इसके अतिरिक्त, बोनस मिलाकर किसानों को 2600 रुपये प्रति क्विंटल का लाभ मिल रहा है। सरकार के अनुसार, इस साल पिछले वर्ष की तुलना में 62% अधिक खरीद हुई है और 20,000 करोड़ रुपये सीधे किसानों को वितरित किए गए हैं। प्राकृतिक खेती और कृषि आधारित उद्योगों को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। साथ ही, 26 से 28 मई तक नरसिंहपुर में राज्य स्तरीय किसान सम्मेलन का आयोजन होगा।
मेट्रो विकास को नई रफ्तार
मीटिंग में यह भी घोषणा की गई कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इंदौर और भोपाल मेट्रो परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे। इसके साथ ही दतिया और सतना हवाई अड्डों का भी लोकार्पण किया जाएगा। शहरी विकास के तहत इंदौर, भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर में मेट्रोपॉलिटन विकास प्राधिकरण की स्थापना की जाएगी, जिनके अध्यक्ष स्वयं मुख्यमंत्री होंगे।
ओंकारेश्वर में बनेगा सांस्कृतिक केंद्र
देवी अहिल्याबाई की स्मृति में प्रदेश के विभिन्न शहरों में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसके साथ ही ओंकारेश्वर में एक विशाल सांस्कृतिक केंद्र की स्थापना के लिए 2100 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है। यह केंद्र प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने और उसे बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।