सीतामढ़ी : शुक्रवार का दिन पुनौराधाम ही नहीं बल्कि पूरे मिथिलांचल और बिहार के लिए लोगों के लिए ऐतिहासिक रहा । जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मां जानकी मंदिर के निर्माण के लिए भूमि पूजन और शिलान्यास किया, तो करोड़ों श्रद्धालुओं की वर्षों की आकांक्षा पूरी होती दिखी । इस मौके पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी उपस्थित थे । यह 882 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले इस मंदिर को एक राष्ट्रीय सांस्कृतिक धरोहर के रूप में विकसित करने की योजना है।
मां जानकी के जयकारे से गूंजा सभा स्थल
शिलान्यास कार्यक्रम के बाद जनसभा को संबोधित करते हुए अमित शाह ने मंच से मां जानकी का जयकारा लगाया औऱ लोगों से कहा कि हाथ उठाकर बोलिए "सियावर रामचंद्र की जय”, तो सभा स्थल पर मौजूद हजारों लोगों ने ऐसा कर माहौल को भक्तिमय बना दिया।
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि यह सिर्फ एक मंदिर निर्माण का कार्य नहीं है बल्कि मिथिलांचल और बिहार के भाग्योदय की शुरुआत है । उन्होंने कहा कि यह दिन पूरे देश के लिए शुभ है। यह मंदिर भव्य बनेगा। इससे बिहार और मिथिलांचल का विकास भी गति पकड़ेगा।
बारिश को बताया माता सीता का आशीर्वाद
भूमिपूजन के दौरान हुई तेज बारिश का उल्लेख करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री ने इसे एक दैवीय संकेत बताया । उन्होंने रामायण काल का प्रसंग याद दिलाते हुए कहा कि, 'राजा जनक ने जब भूमि में सोने का हल चलाया था, तब माता सीता प्रकट हुई थीं और उसी समय वर्षा हुई थी, जिससे अकाल समाप्त हुआ था। आज फिर उसी प्रकार भूमिपूजन के समय वर्षा होना माता का आशीर्वाद है।'
अमित शाह ने माता सीता के जीवन को भारतीय नारी शक्ति का प्रतीक बताया । उन्होंने कहा कि, 'माता सीता ने एक ही जीवन में बेटी, पत्नी, मां और राजमाता की भूमिका को आदर्श रूप से निभाया। वे भारत की सांस्कृतिक आत्मा की प्रतीक हैं। भारत में उनके बिना रामकथा अधूरी है।' उन्होंने कहा कि जानकी मंदिर का निर्माण सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक आत्मा को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
भव्य और आधुनिक सुविधाओं से युक्त होगा मंदिर परिसर
मां जानकी मंदिर परियोजना रामायण सर्किट का हिस्सा है । मंदिर को पूरी तरह से आधुनिक सुविधाओं से लैस बनाया जाएगा। इसमें मंदिर के अलावा एक सांस्कृतिक केंद्र, शोध संस्थान, धर्मशालाएं, संग्रहालय और पार्किंग सहित तमाम आधारभूत संरचनाएं शामिल होंगी। यह स्थल धार्मिक पर्यटन के एक बड़े केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा।
अमित शाह ने कहा कि इस प्रोजेक्ट के जरिए न सिर्फ मिथिलांचल की सांस्कृतिक पहचान को राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित किया जाएगा, बल्कि इससे स्थानीय लोगों को रोजगार और व्यापार के नए अवसर भी मिलेंगे। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार देशभर में रामायण और भारत की प्राचीन परंपराओं से जुड़े स्थलों का विकास कर रही है, ताकि आने वाली पीढ़ियां भारतीय संस्कृति से जुड़ सकें।
तेजस्वी और राहुल पर तीखा प्रहार
अपने संबोधन के दौरान अमित शाह ने लालू यादव, तेजस्वी यादव और कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर भी जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि ये लोग ऑपरेशन सिंदूर का विरोध कर रहे है। केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा, 'मैं पूछने आया हूं मिथिलांचल वालों से कि मोदी जी को आतंकवादी को जवाब देना चाहिए या नहीं चाहिए? ऑपरेशन सिंदूर करना चाहिए या नहीं चाहिए?'
उन्होंने कहा कि मैं आज यहां तेजस्वी यादव से पूछने आया हूं कि आपके पिताजी और माताजी का कई साल शासन रहा । गुंडई करने और अपहरण-फिरौती के अलावा मिथिलांचल के विकास के लिए दोनों ने क्या किया ? अमित शाह ने चुनौती देते हुए कहा कि अगर कोई काम किया है, तो यहां जनता के बीच आकर जवाब दें ।
अमित शाह ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी मतदाता पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर पहले से ही बिहार में चुनाव हारने का बहाना बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि, वोटर लिस्ट की समीक्षा कोई नई बात नहीं है। यह प्रक्रिया पहली बार नहीं हो रही। आपके परनाना नेहरू जी ने भी इसे शुरू किया था। आखिरी बार 2003 में यह प्रक्रिया की गई थी। फिर आज आप क्यों विरोध कर रहे हैं?
अमित शाह ने आरोप लगाया कि विपक्ष घुसपैठियों को वोटिंग अधिकार देना चाहता है, ताकि उन्हें वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया जा सके। उन्होंने कहा कि ये वही लोग हैं जो देशवासियों का रोजगार छीन लेते हैं और अपराध फैलाते हैं।
केंद्रीय गृहमंत्री ने विश्वास जताया कि आने वाले समय में बिहार में एनडीए की पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनेगी। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी संविधान का पालन करती है और जो भारत में जन्म नहीं लेते, उन्हें वोट देने का अधिकार नहीं मिल सकता ।