सोनिया गांधी की 'C' पॉलिटिक्स को बीजेपी का मुहतोड़ जवाब

Authored By: News Corridors Desk | 31 Mar 2025, 05:59 PM
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कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने इस नीति को तीन ‘C’ – केंद्रीकरण, व्यावसायीकरण और सांप्रदायिकता से जोड़ा और कहा कि यह देश की शिक्षा व्यवस्था को बर्बाद कर रही है। उनका आरोप है कि केंद्र सरकार ने शिक्षा की सारी ताकत अपने हाथ में ले ली है, इसे निजी हाथों में सौंप दिया है और सिलेबस में सांप्रदायिकता फैलाई जा रही है।

सोनिया गांधी का बड़ा आरोप: सरकार दबाव डाल रही है

सोनिया गांधी ने अपने एक लेख में लिखा कि केंद्र सरकार बातचीत करने के बजाय दबाव की नीति अपना रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार आरएसएस और बीजेपी के एजेंडे को लागू कर रही है, जिसमें शिक्षा के माध्यम से नफरत और कट्टरता फैलाने की साजिश शामिल है।

उन्होंने यह भी कहा कि विश्वविद्यालयों में ऐसे प्रोफेसरों की नियुक्ति हो रही है, जो दक्षिणपंथी विचारधारा से जुड़े हैं, भले ही उनकी शैक्षिक योग्यता कमजोर हो। इसके अलावा, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) द्वारा प्रोफेसरों और कुलपतियों की नियुक्ति के मानकों को कम करने की कोशिश की जा रही है, जिससे सरकार अपने पसंदीदा लोगों को इन पदों पर बैठा सके।

केंद्र जबरन लागू कर रहा है ‘पीएम-श्री’ मॉडल स्कूल योजना?

सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार पर यह भी आरोप लगाया कि राज्यों को जबरन ‘पीएम-श्री’ मॉडल स्कूल योजना लागू करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। इसके लिए समग्र शिक्षा अभियान के तहत राज्यों को मिलने वाली राशि रोकी जा रही है। उन्होंने इसे राज्यों के अधिकारों का हनन करार दिया और कहा कि उच्च शिक्षा में लाए जा रहे सख्त नियम शिक्षा की स्वतंत्रता को खतरे में डाल सकते हैं।

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने भी सोनिया गांधी का समर्थन करते हुए कहा कि केंद्र सरकार बातचीत करने की बजाय राज्यों पर दबाव बना रही है और यह शिक्षा के साथ बड़ा खिलवाड़ है।

सोनिया गांधी के इन बयानों पर बीजेपी ने तीखा पलटवार किया है। बीजेपी प्रवक्ता नलिन कोहली ने कहा, “जब से कांग्रेस और गांधी परिवार विपक्ष में हैं, उन्हें देश में कुछ भी अच्छा नहीं दिखता। 10 साल में एक भी ऐसा काम नहीं हुआ, जो उन्हें पसंद आया हो। यह दिखाता है कि वे खुद कोई अच्छा विचार नहीं रखते।” उन्होंने सोनिया गांधी के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति देश के लिए फायदेमंद है।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री फडणवीस का जवाब

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी सोनिया गांधी की आलोचना का जवाब दिया। उन्होंने कहा, “अंग्रेजों ने जो शिक्षा व्यवस्था बनाई थी, वह भारतीयों को गुलाम बनाने के लिए थी। नई शिक्षा नीति का हर राष्ट्रभक्त स्वागत करेगा।” उन्होंने सोनिया गांधी से आग्रह किया कि वे नई शिक्षा नीति को पूरी तरह समझें और अनावश्यक चिंता न करें।

बीजेपी सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने भी सोनिया गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस सरकारों ने दशकों तक शिक्षा क्षेत्र में कोई बड़ा सुधार नहीं किया, और अब वे नई नीति पर सवाल उठा रही हैं।

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर कांग्रेस और बीजेपी के बीच घमासान तेज हो गया है। जहां कांग्रेस इसे केंद्रीकरण, व्यावसायीकरण और सांप्रदायिकता से जोड़ रही है, वहीं बीजेपी इसे देश के भविष्य के लिए जरूरी कदम बता रही है। आने वाले समय में यह बहस और तेज हो सकती है, खासकर जब राज्यों पर इसके प्रभावों को लेकर और अधिक अध्ययन सामने आएंगे।