Chaitra Navratri 2025 : कब है दुर्गा अष्टमी और नवमी? जानें शुभ मुहूर्त और कन्या पूजन की विधि

Authored By: News Corridors Desk | 01 Apr 2025, 03:38 PM
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चैत्र नवरात्रि सनातन धर्म का प्रमुख पर्व है। नौ दिन के इस पर्व में कन्या पूजन का विशेष महत्व होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नवरात्रि मां दुर्गा का आशीर्वाद पाने का अवसर है, इसलिए नौ दिनों तक सभी भक्तजन देवी की आराधना के साथ उपवास भी रखते हैं। इस पर्व का शुभारंभ 30 मार्च से हो गया है। आज मां के तीसरे रूप माता चंद्र घंटा की घरों और मंदिरों में पूजा की जा रही है। बता दें कि इस पूजन में कन्याओं को देवी दुर्गा के नौ रूपों का प्रतीक मानकर उनकी पूजा की जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार की चैत्र नवरात्रि 8 दिन की है। इस बार लोगों के मन में कन्या पूजन की तिथि को लेकर थोड़ी कंफ्यूजन है। कुछ का मानना है कि अष्टमी तिथि को कंजक पूजन किया जाएगा, जबकि कुछ का कहना है नवमी। ऐसे में आइए जानते हैं चैत्र नवरात्रि कन्या पूजन की सही तिथि और मुहर्त क्या है। 

कब है चैत्र नवरात्रि 2025 अष्टमी ?

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हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत 4 अप्रैल 2025 को रात 8 बजकर 12 मिनट पर होगी। इस तिथि का समापन 5 अप्रैल 2025 को रात 7 बजकर 26 मिनट पर है। उदया तिथि के मुताबिक अष्टमी 5 अप्रैल 2025 को शनिवार के दिन मनाई जाएगी। ऐसे में अष्टमी तिथि पर कन्या पूजन करने वाले लोग इस दिन कन्याओं को भोजन करा सकते हैं। 

कब है चैत्र नवरात्रि 2025 नवमी ? 

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हिंदू पंचांग के अनुसार, 5 अप्रैल को नवमी तिथि रात 7 बजकर 26 मिनट पर शुरु हो रही है। इसका समापन 6 अप्रैल 2025 को रात 07 बजकर 22 मिनट पर है। ऐसे में 6 अप्रैल 2025 को रामनवमी मनाई जाएगी। आप इस तिथि में कन्या पूजन के साथ-साथ अपने व्रत का पारण भी कर सकते हैं।

कन्या पूजन विधि

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* पूजा कन्याओं के स्वागत से शुरू करनी चाहिए।

* इसके बाद उनके पैर धोकर आसन पर बिठाएं।

* कन्याओं को कलावा बांधे और माथे पर लाल कुमकुम लगाएं। 

* कन्याओं को पूड़ी, काले चने, नारियल और हलवे को भोग के रूप में खिलाएं।

* फिर कन्याओं को उपहार में चुनरी, चूड़ियां और नए वस्त्र दें। 

* फिर फल और दक्षिणा क्षमता अनुसार दें।

* कन्याओं के पैर छुकर उनसे आशीर्वाद ले। 

* अंत में उन्हें थोड़ा अक्षत देकर उनसे अपने घर में छिड़कने को बोलें, साथ ही स्वयं भी लें।