महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस सरकार ने 20 मई 2025 को अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया, जिसमें राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल ने मंत्री पद की शपथ ली। शपथग्रहण समारोह मुंबई के राजभवन में आयोजित किया गया, जहां मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे और अजित पवार भी मौजूद रहे।
सब्जी विक्रेता से मंत्री तक का सफर
छगन भुजबल का जीवन संघर्षों और उपलब्धियों से भरा रहा है। उनका जन्म 15 अक्टूबर 1947 को हुआ था और वे वर्तमान में नासिक जिले के येवला विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। राजनीति में आने से पहले भुजबल ने मुंबई के बायकुला मार्केट में सब्जी विक्रेता के रूप में काम किया। उन्होंने इंजीनियरिंग में डिप्लोमा भी प्राप्त किया है।
शिवसेना से शुरुआत, फिर कांग्रेस और एनसीपी का दामन थामा
भुजबल ने 1960 के दशक में शिवसेना से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की और करीब 25 वर्षों तक पार्टी के साथ जुड़े रहे। 1985 में वे मझगांव से विधायक चुने गए और इस सीट से दो बार चुनाव जीता 1991 में मंडल आंदोलन के दौरान ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर शिवसेना से मतभेद हुआ और उन्होंने पार्टी छोड़ दी इसके बाद वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हुए।
1999 में जब शरद पवार ने एनसीपी की स्थापना की, तो भुजबल भी उनके साथ हो लिए और उसी साल कांग्रेस-एनसीपी सरकार में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और गृहमंत्री बने।
अनेक मंत्रालयों का संभाला कार्यभार
छगन भुजबल ने अपने लंबे राजनीतिक करियर में कई अहम विभागों का कार्यभार संभाला है। इनमें शामिल हैं:
गृह मंत्रालय
सार्वजनिक निर्माण विभाग (PWD)
खाद्य और नागरिक आपूर्ति
उपभोक्ता मामले मंत्रालय
2016 में गिरफ्तारी और जेल यात्रा
भुजबल को 2016 में मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था। इस केस के चलते उन्हें दो साल जेल में रहना पड़ा। बाद में उन्हें जमानत मिल गई और उन्होंने राजनीति में दोबारा सक्रिय भूमिका निभानी शुरू की।
2024 में जब महाराष्ट्र में मंत्रीमंडल का गठन हुआ, तो भुजबल को स्थान नहीं दिया गया, जिससे वे खासतौर पर नाराज़ हुए और अजित पवार पर खुलकर निशाना साधा। हालांकि, अंततः उन्हें 2025 के विस्तार में मंत्री पद का दायित्व सौंपा गया और उन्होंने शपथ ली।
छगन भुजबल फिलहाल अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी के वरिष्ठ नेता हैं, जो कि महायुति गठबंधन (बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी) का हिस्सा है।
2024 के विधानसभा चुनाव में एनसीपी ने 41 सीटें जीती थीं, और अब भुजबल को एक बार फिर सरकार में स्थान देकर गठबंधन ने संतुलन साधा है।