इन दो राज्यों में बंद होंगे सिनेमाघर, जानें क्यों लिया गया ये फैसला

Authored By: News Corridors Desk | 19 May 2025, 02:33 PM
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तेलुगु फिल्म उद्योग को एक बड़ा झटका लग सकता है, क्योंकि आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के सिनेमाघर 1 जून से बंद होने की संभावना है। यह कदम प्रदर्शकों और फिल्म वितरकों के बीच लंबे समय से चल रहे राजस्व मॉडल को लेकर विवाद के कारण उठाया गया है।

किराया-आधारित मॉडल से नाराज़ हैं प्रदर्शक

फिलहाल फिल्म वितरकों और थिएटर मालिकों के बीच किराया-आधारित राजस्व मॉडल अपनाया जाता है, जिसमें प्रदर्शकों को निश्चित किराया मिलता है। प्रदर्शकों का कहना है कि यह मॉडल उनके लिए नुकसानदायक है, खासकर छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों में जहां दर्शकों की संख्या कम होती है। इसी कारण प्रदर्शक अब प्रतिशत-आधारित मॉडल अपनाने की मांग कर रहे हैं, जिससे फिल्म की कमाई के अनुसार लाभ साझा किया जा सके।

रविवार को प्रदर्शक संघ के साथ आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में लगभग 60 प्रदर्शकों ने भाग लिया। इस बैठक में तेलुगु फिल्म उद्योग के प्रमुख नाम, जैसे दिल राजू और सुरेश बाबू मौजूद थे। सभी ने सर्वसम्मति से सिनेमाघरों को 1 जून से बंद करने की चेतावनी दी और प्रतिशत-आधारित मॉडल की मांग का समर्थन किया।

बैठक में अनुपस्थित रहे कई निर्माता और वितरक

हालांकि, इस बैठक में कई बड़े निर्माता और वितरक शामिल नहीं हुए। यह इस बात का संकेत हो सकता है कि फिल्म उद्योग के अंदर इस प्रस्ताव को लेकर पूरी एकजुटता नहीं है। इससे समाधान खोजने की प्रक्रिया में देरी हो सकती है।

अगर सिनेमाघर बंद होते हैं, तो कई बहुप्रतीक्षित फिल्मों की रिलीज पर असर पड़ेगा। कमल हासन की फिल्म ठग लाइफ़ और पवन कल्याण की हरि हर वीरा मल्लू, जो 12 जून को रिलीज़ हो रही हैं, को सिंगल स्क्रीन थिएटरों में रिलीज करने में दिक्कतें आ सकती हैं। केवल मल्टीप्लेक्स थिएटर ही सामान्य रूप से संचालन जारी रख पाएंगे, बशर्ते वे प्रदर्शक संघ से संबद्ध न हों।

ओटीटी प्लेटफॉर्म पर भी चिंता

प्रदर्शकों ने यह भी चिंता जताई है कि फिल्मों के जल्द ही ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज हो जाने से सिनेमाघरों की कमाई प्रभावित होती है। उन्होंने मांग की है कि कम से कम सफल फिल्मों को कुछ हफ्तों तक डिजिटल प्लेटफॉर्म पर रिलीज़ न किया जाए, ताकि सिनेमाघरों को लाभ मिल सके।

प्रदर्शकों ने फिल्म चैंबर के सामने औपचारिक प्रतिनिधित्व पेश करने का निर्णय लिया है और उम्मीद है कि 1 जून की डेडलाइन से पहले कोई समाधान निकल सकेगा। यदि कोई सहमति नहीं बनती, तो तेलुगु राज्यों में सिंगल स्क्रीन थिएटरों का बंद होना लगभग तय है।