भारत का स्वदेशी रक्षा उत्पादन वर्ष 2014-15 के 46,429 करोड़ रुपये की तुलना में 174% बढ़ोतरी के साथ वित्त वर्ष 2023-24 में रिकॉर्ड 1,27,434 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।
वर्तमान में भारत अमरीका, फ्रांस और आर्मेनिया सहित 100 से अधिक देशों को रक्षा उपकरणों का निर्यात कर रहा है। कुल रक्षा उत्पादन में रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों DPSQ और अन्य सार्वजनिक उपक्रमों का योगदान लगभग 77% है, जबकि निजी क्षेत्र का योगदान 23% तक पहुंच गया है ।
निर्यात के क्षेत्र में भी भारत ने उल्लेखनीय प्रगति की है और वित्त वर्ष 2023-24 की तुलना में 2024-25 में 2,539 करोड़ रुपये (12.04%) की बढ़त दर्ज की गई है। भारत का रक्षा निर्यात वित्त वर्ष 2024-25 में रिकॉर्ड 23,622 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो 2014 में 1,000 करोड़ रुपये से भी कम था।
सरकार ने वर्ष 2029 तक 3 लाख करोड़ रुपयेके रक्षा विनिर्माण और 50,000 करोड़ रुपये के रक्षा निर्यात का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है।
आंकडों के मुताबिक़ वित्त वर्ष 2024-25 में भारत का रक्षा उत्पादन 1.54 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो अब तक का सर्वोच्च स्तर है।
पिछले एक दशक में सरकार द्वारा रक्षा उत्पादन को प्रोत्साहन देने के लिए किए गए वित्तीय आवंटन, नीतिगत सुधार और औद्योगिक सहयोग ने देश के सैन्य औद्योगिक ढांचे को सशक्त बनाया गया है। रक्षा बजट में भी निरंतर वृद्धि दर्ज की गई है, जो 2013-14 के 2.53 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 2025-26 में अनुमानित 6.81 लाख करोड़ रुपये तक आ गया है। यह वृद्धि सरकार की राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की दृढ़ प्रतिबद्धता को उजागर करती है। दूसरे देशों पर निर्भरता कम करने के उद्देश्य से, सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों ने उल्लेखनीय प्रगति की है।