कुछ देर में शुरू होगी DGMO लेवल की बैठक, जानें किन मुद्दों पर होगी बात

Authored By: News Corridors Desk | 12 May 2025, 11:48 AM
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भारत और पाकिस्तान के बीच एक बार फिर तनाव चरम पर है। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान में छिपे आतंकवादी ठिकानों पर बड़ा सैन्य अभियान चलाया है। इस हमले के जवाब में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत मिसाइल और ड्रोन हमले किए, जिनमें 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए। इसके बाद दोनों देशों के बीच संघर्ष विराम और सैन्य स्तर की बातचीत की संभावनाएं बनी हैं।

पाकिस्तान में आतंकियों के ठिकानों पर भारतीय हमले

7 मई को शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सेनाओं ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित नौ से अधिक आतंकी अड्डों को निशाना बनाया। भारतीय रक्षा सूत्रों के मुताबिक, इन हमलों में मिसाइल और ड्रोन तकनीक का व्यापक इस्तेमाल किया गया, जिससे आतंकी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा है।

सीजफायर का उल्लंघन और भारत की जवाबी कार्रवाई

हमले के बाद पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई के तहत भारत में कई मिसाइलें दागीं, लेकिन भारतीय डिफेंस सिस्टम ने उन्हें हवा में ही नष्ट कर दिया। इसके बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तान के कई एयरबेस और रडार सिस्टम को निशाना बनाते हुए उन्हें तबाह कर दिया। पाकिस्तान की ओर से जब सैन्य नुकसान बढ़ने लगा तो डरे हुए पाकिस्तान के डीजीएमओ ने भारत से हॉटलाइन पर संपर्क किया।

डीजीएमओ स्तर की बैठक में सिर्फ पीओके पर बात

12 मई को दोनों देशों के बीच डीजीएमओ स्तर की बैठक होनी तय है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट किया है कि यह बैठक केवल सैन्य अधिकारियों के बीच होगी और इसमें केवल पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) से जुड़े मुद्दों पर चर्चा होगी। इस बैठक में कश्मीर मुद्दा या सिंधु जल समझौता शामिल नहीं होगा।

भारत की सख्त चेतावनी: उल्लंघन का होगा परिणाम

भारतीय रक्षा सूत्रों ने चेतावनी दी है कि यदि पाकिस्तान ने संघर्ष विराम का उल्लंघन किया, तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। भारत अब किसी भी प्रकार की उकसावे की कार्रवाई को अनदेखा नहीं करेगा। ऑपरेशन सिंदूर को लेकर भी कहा गया है कि यह अभी बंद नहीं हुआ है और भारत आतंक के हर गढ़ को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है।

भारतीय सेना ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि अगर पाकिस्तान की ओर से एक गोली चलाई गई, तो जवाब में भारत की ओर से भी गोली चलेगी। भारत अब अपनी शर्तों पर शांति और सीजफायर चाहता है, जिसमें आतंकवाद के लिए कोई जगह नहीं होगी।