दिल्ली। अगर आप या आपके परिवार में कोई पेंशन पाता है तो यह सूचना काम की है। ख़ास तौर पर उनके लिए जो केंद्र सरकार की सेवा से रिटायर हुए हों। इसका फायदा उठा लेंगे तो कई परेशानियों से बच जाएंगे।
केंद्र सरकार के पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने एक अभियान छेड़ा है जो 1 नवंबर से शुरू हो चुका है और 30 नवंबर 2025 तक चलेगा। देशभर में चलने वाले इस अभियान में केंद्र सरकार के पेंशन पाने वाले पूर्व कर्मचारियों का डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र DLC बनाया जा रहा है ताकि उन्हें पेंशन पाने में कोई बाधा न आए। सरकार के नियमानुसार पूर्व कर्मचारियों को पेंशन पाने के लिए हर साल जीवन प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होता है।
कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय के अधीन देशभर के 2,000 से अधिक शहरों और कस्बों में DLC बनाने का अभियान चल रहा है ताकि पेंशनभोगियों को डिजिटल तरीकों के माध्यम से अपने जीवन प्रमाणपत्र जमा करने की सुविधा मिल सके।
इस अभियान के तहत आधार-आधारित फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक के उपयोग ज्यादा से ज्यादा किया जा रहा है। ऐसा इसलिए कि पेंशनभोगी स्मार्टफोन का उपयोग करके घर बैठे आसानी से जीवन प्रमाणपत्र जमा कर सकें।
इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (डाक विभाग) ने अति वरिष्ठ और दिव्यांग पेंशनभोगियों को डोरस्टेप DLC सेवाएं प्रदान कर रहा है, जबकि बैंकों, पेंशनभोगी संघ और क्षेत्रीय कार्यालय जागरूकता शिविर आयोजित कर रहे हैं और ऑन-साइट सहायता दे रहे हैं।
आपको बता दें कि पिछले साल यानि वर्ष 2024 में 1.62 करोड़ से अधिक DLC जनरेट किए गए थे, जिनमें से 50 लाख फेस ऑथेंटिकेशन द्वारा जनरेट किए गए।प्रारंभिक रिपोर्टों से प्रतीत होता है कि बैंकों, आईपीपीबी, यूआईडीएआई, मेटी, सीजीडीए, रेलवे और पेंशनभोगी कल्याण संघों के संयुक्त प्रयासों से इस वर्ष 2 करोड़ DLC हो सकेगा।
आधार-आधारित फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक के उपयोग से पेंशनभोगियों को बायोमेट्रिक उपकरणों पर निर्भर नहीं होना पड़ता है और स्मार्ट फोन द्वारा घर बैठे आसानी से जीवन प्रमाणपत्र जमा हो सकता है।