वक्फ कानून पर SC में सुनवाई शुरू, CJI बीआर गवई की पीठ सुन रही दलील

Authored By: News Corridors Desk | 15 May 2025, 12:12 PM
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सुप्रीम कोर्ट में आज (गुरुवार) वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अहम सुनवाई हो रही है। प्रधान न्यायाधीश बीआर गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ इस संवेदनशील और बहुचर्चित मामले की सुनवाई कर रही है।

केंद्र सरकार ने दाखिल किया जवाब

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि केंद्र सरकार की ओर से इस मामले में जवाब दाखिल कर दिया गया है। सुनवाई के दौरान जब कोर्ट ने पूछा कि क्या यह अंतरिम राहत पर सुनवाई है, तो SG मेहता ने कहा कि अगर कोर्ट अंतरिम आदेश पर विचार करना चाहे, तो उसमें ज्यादा समय नहीं लगेगा।

उन्होंने यह भी कहा कि वे भी याचिकाकर्ताओं की तरह एक संक्षिप्त नोट दाखिल करने को तैयार हैं, जिससे मुद्दों की स्पष्टता बनी रहे।

याचिकाकर्ताओं की ओर से कपिल सिब्बल का पक्ष

वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश हुए और उन्होंने कोर्ट को बताया कि वे एक संक्षिप्त नोट तैयार कर चुके हैं, जिसे SG तुषार मेहता से साझा किया जा सकता है। उन्होंने कोर्ट से जल्द सुनवाई और निर्देश देने की मांग की।

SG तुषार मेहता ने यह भी कहा कि इस मामले में बड़ी संख्या में इंटरवेंशन एप्लिकेशन दाखिल की गई हैं, लेकिन उनकी राय में कोर्ट को उन्हें सुनने की जरूरत नहीं है और केवल मुख्य याचिकाओं पर ही ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

17 अप्रैल को हुई थी पिछली सुनवाई

इससे पहले इस मामले की सुनवाई 17 अप्रैल को हुई थी, जब पूर्व प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने केस की सुनवाई की थी। अब उनके सेवानिवृत्त होने के बाद नई पीठ का गठन किया गया है।

17 अप्रैल की सुनवाई के दौरान, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार का यह आश्वासन रिकॉर्ड किया था कि वह 5 मई तक वक्फ संपत्तियों को, जिनमें "वक्फ-बाय-यूजर" भी शामिल है, न तो गैर-अधिसूचित करेगी और न ही वक्फ परिषद या बोर्ड में कोई नई नियुक्ति करेगी।

'वक्फ-बाय-यूजर' और अधिनियम के विवादित प्रावधान

पूर्व प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना ने यह संकेत दिया था कि कोर्ट वक्फ अधिनियम 2025 के कुछ विवादास्पद प्रावधानों पर रोक लगाने पर विचार कर सकता है। इनमें शामिल हैं:

'वक्फ-बाय-यूजर' की अवधारणा

वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिमों का प्रतिनिधित्व

कलेक्टर को वक्फ भूमि की स्थिति बदलने के अधिकार

पूर्व CJI ने टिप्पणी की थी कि “यह मामला असाधारण परिस्थितियों का प्रतीत होता है, जिसमें कानून की वैधता को चुनौती दी गई है। यदि 'वक्फ-बाय-यूजर' को गैर-अधिसूचित किया जाता है, तो इसके बहुत गंभीर परिणाम हो सकते हैं।”