मुंबई। महिला एक दिवसीय क्रिकेट विश्वकप Womens ODI World Cup में नीली जर्सी वाली भारतीय महिलाओं ने भारत के लिए पहली बार कप जीतकर इतिहास रच दिया। फाइनल मुकाबले में टीम इंडिया ने साउत अफ्रीका की टीम को 52 रन से हरा दिया।
तीसरी बार फ़ाइनल में पहुंची टीम इंडिया ने इस जीत से न सिर्फ पहली बार अपने देश के लिए ट्राफी जीती बल्कि वह यह टूर्नामेंट जीतने वाली पहली एशियाई टीम भी बनी। अगर आईसीसी वन डे में जीत की बात करें तो इससे पहले 1983 में कपिल देव और 2011 में महेन्द्र सिंह धोनी की टीम ने आईसीसी मेन्स वन डे इवेंट में जीत हासिल की थी।
हरमनप्रीत सिंह की कप्तानी वाली भारतीय टीम की जीत में वैसे तो सभी खिलाडियों का योगदान रहा लेकिन महज़ कुछ दिन पहले टीम में वाइल्ड कार्ड एंट्री पाने वाली शेफाली वर्मा ने करिश्मा दिखाया । शेफाली को प्लेयर आफ़ द मैच घोषित किया गया।प्रतियोगिता में लगातार शानदार प्रदर्शन करने वाली आल राउंडर दीप्ती शर्मा ने फ़ाइनल मैच में भी अपना फार्म बरकरार रखा।
उन्होंने न सिर्फ तीसरी हाफ सेंचुरी (58 रन 58 गेंद ) लगाई बल्कि 39 रन देकर पाँच विकेट भी चटकाए। दीप्ती को उनके शानदार प्रदर्शन के लिए प्लेयर आफ़ टूर्नामेंट घोषित किया गया। टीम इंडिया की जीत के बाद शेफाली वर्मा ने कहा कि भगवान ने उन्हें कुछ अच्छा करने के लिए भेजा और उन्हें अपने आप पर पूरा विश्वास था और मन में यही था कि टीम को जिताना है। उन्होंने कहा कि फ़ाइनल मैच के दौरान सचिन तेंदुलकर की मौजूदगी से उनका आत्मविश्वास और बढ़ गया। आपको बता दें कि शेफाली सचिन की बहुत बड़ी फैन हैं और उन्हें अपना रोल माडल मानती हैं। कप्तान हरमनप्रीत इस जीत का श्रेय सभी खिलाडियों को दिया। उन्होंने कहा, ‘हमे अपने पर भरोसा था। हमारी अगली योजना इसे अपनी आदत बनाने की है।’
टीम इंडिया ने सेफीफाइनल मुकाबले में जिस बड़े स्कोर का पीछा करते हुए आस्ट्रेलियाई महिलाओं को हराया था उसके बाद न सिर्फ टीम बल्की फैन्स में भी उम्मीदें जग गई थीं कि यह टीम पहली बार चैम्पियन बन सकती है। ख़ास बात ये भी है कि इस टीम में शामिल खिलाडियों में 10 खिलाड़ी ऐसी हैं जो पहली बार वर्ल्डकप खेल रही थीं।