ईरान ने ट्रंप के प्रस्ताव को ठुकराया, कहा 'अमेरिका से नहीं होगी कोई परमाणु वार्ता'

Authored By: News Corridors Desk | 27 Jun 2025, 06:14 PM
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मध्य पूर्व में ईरान और इज़रायल के बीच हाल ही में हुए सीजफायर के बावजूद हालात शांत नहीं हैं। इस बीच अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि अमेरिका और ईरान के बीच अगले हफ्ते परमाणु कार्यक्रम पर वार्ता शुरू हो सकती है। लेकिन ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने साफ कर दिया कि ऐसा कोई प्रस्ताव न केवल अस्वीकार्य है बल्कि ऐसा कोई संवाद फिलहाल तय भी नहीं हुआ है।

अराघची ने ईरान की सरकारी टीवी को दिए इंटरव्यू में कहा, “हमने अमेरिका के साथ फिर से परमाणु वार्ता शुरू करने के लिए कोई योजना नहीं बनाई है। न ही कोई वादा किया है और न ही इस मुद्दे पर कोई चर्चा हुई है।”

व्हाइट हाउस की सफाई: 'राजनयिक बातचीत के लिए तैयार हैं'

वहीं व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि अमेरिका अब भी ईरान के साथ कूटनीतिक बातचीत के रास्ते तलाश रहा है। उन्होंने यह भी दावा किया कि अमेरिका ने ईरान को एक प्रस्तावित डील के तहत करीब 30 अरब डॉलर (करीब 2.27 लाख करोड़ रुपये) की पेशकश की है।

सीएनएन की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका, ईरान के सिविल न्यूक्लियर प्रोग्राम में निवेश पर विचार कर रहा है। हालांकि यह फंडिंग सीधे अमेरिका से न होकर खाड़ी के अरब देशों के माध्यम से की जा सकती है। अमेरिका का उद्देश्य यह दर्शाना है कि वह ईरान के साथ सैन्य नहीं बल्कि शांतिपूर्ण संबंध चाहता है — बशर्ते ईरान भी पारदर्शिता बनाए रखे।

ईरान की शर्तें: 'हितों के आधार पर होगा हर फैसला'

ईरान के विदेश मंत्री अराघची ने जोर देकर कहा, “हम अपने हितों को प्राथमिकता देते हैं। अगर कभी भविष्य में बातचीत हमारे राष्ट्रीय हित में होगी, तभी हम उस पर विचार करेंगे।” उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम केवल शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है, जैसे कि बिजली उत्पादन और मेडिकल अनुसंधान।

ईरान का परमाणु कार्यक्रम लंबे समय से अमेरिका, इज़रायल और अन्य पश्चिमी देशों के संदेह के घेरे में रहा है। पश्चिमी देशों को आशंका है कि ईरान गुप्त रूप से परमाणु हथियार विकसित कर रहा है। हालांकि, ईरान लगातार दावा करता रहा है कि उसका परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह से शांति पूर्ण और वैधानिक है।