पाकिस्तान से तनाव के बीच इसरो चेयरमैन का बड़ा बयान, 'ISRO की 10 सेटेलाइट 24 घंटे कर रहीं निगरानी'

Authored By: News Corridors Desk | 12 May 2025, 10:41 AM
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भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के चेयरमैन वी. नारायणन ने एक अहम बयान दिया है। अगरतला स्थित केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय (CAU) के पांचवें दीक्षांत समारोह में बोलते हुए उन्होंने बताया कि देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रणनीतिक उद्देश्य से 10 सैटेलाइट्स 24 घंटे सक्रिय हैं।

सुरक्षा के लिए जरूरी है सैटेलाइट और ड्रोन तकनीक

नारायणन ने अपने संबोधन में कहा, "अगर हम अपने देश की सुरक्षा सुनिश्चित करना चाहते हैं, तो हमें अपने उपग्रहों के माध्यम से सेवा करनी होगी। हमें अपने 7,000 किलोमीटर के समुद्री इलाकों की निगरानी करनी है।" उन्होंने जोर देकर कहा कि बिना सैटेलाइट और ड्रोन तकनीक के हम आज की सुरक्षा चुनौतियों का सामना नहीं कर सकते।

अब तक लॉन्च हुए 127 भारतीय सैटेलाइट

अब तक ISRO द्वारा कुल 127 भारतीय सैटेलाइट लॉन्च किए जा चुके हैं। इनमें निजी कंपनियों और शैक्षणिक संस्थानों के उपग्रह भी शामिल हैं। सरकारी स्वामित्व वाले उपग्रहों की बात करें तो 22 लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) और 29 जियो-सिंक्रोनस अर्थ ऑर्बिट (GEO) में स्थित हैं। भारत के पास लगभग एक दर्जन जासूसी और निगरानी उपग्रह हैं जिनमें कार्टोसैट, रीसैट, EMISAT और माइक्रोसैट जैसी श्रृंखलाएं शामिल हैं।

आने वाले पांच वर्षों में 52 नए सैटेलाइट होंगे लॉन्च

भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र (IN-SPACe) के अध्यक्ष पवन कुमार गोयनका ने हाल ही में वैश्विक अंतरिक्ष अन्वेषण सम्मेलन 2025 में जानकारी दी कि भारत अगले पांच वर्षों में 52 नए निगरानी उपग्रहों को अंतरिक्ष में स्थापित करेगा। इसका उद्देश्य भारत की रक्षा निगरानी क्षमताओं को और अधिक मजबूत करना है। अब तक यह कार्य मुख्य रूप से ISRO करता रहा है, लेकिन भविष्य में निजी कंपनियों को भी इसमें भागीदार बनाया जाएगा।

EOS-09: अगला बड़ा कदम

इसरो 18 मई को एक और अहम निगरानी उपग्रह, EOS-09 (RISAT-1B) को सूर्य-तुल्यकालिक कक्षा में लॉन्च करने वाला है। यह रडार इमेजिंग सैटेलाइट भारत की संवेदनशील सीमाओं की निगरानी को और अधिक सटीक और प्रभावी बनाएगा। यह लॉन्च भारत की निगरानी क्षमताओं में महत्वपूर्ण इजाफा करेगा।

नारायणन ने बताया कि पूर्वोत्तर भारत के विकास और वहां की परियोजनाओं के संचालन में इसरो की कई सैटेलाइट्स सक्रिय रूप से कार्यरत हैं। उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि डिग्री प्राप्त करने के बाद समाज को योगदान देना हर युवा की जिम्मेदारी है।

इसरो प्रमुख ने यह भी भविष्यवाणी की कि भारत अपनी आजादी के 100 साल पूरे होने तक हर क्षेत्र में महारथ हासिल कर लेगा और दुनिया के लिए एक महत्वपूर्ण योगदानकर्ता बनेगा। सैटेलाइट टेक्नोलॉजी सिर्फ रक्षा ही नहीं, बल्कि आम नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाने में भी अहम भूमिका निभा रही है।