खुल गए केदारनाथ धाम के कपाट, आज से भक्तों को दर्शन देंगे बाबा

Authored By: News Corridors Desk | 02 May 2025, 10:49 AM
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चारधाम यात्रा की शुरुआत 30 अप्रैल, अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर हो चुकी है। इसके तहत गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट पहले ही खुल चुके हैं, जबकि केदारनाथ धाम के कपाट 2 मई को सुबह 7 बजे विधि-विधान के साथ खोले गए। अब बद्रीनाथ धाम के कपाट 4 मई को खोले जाएंगे। केदारनाथ के कपाट खुलते ही मंदिर परिसर भक्तों की भीड़ और जयकारों से गूंज उठा।

ढोल-नगाड़ों और जयकारों के साथ खुले कपाट

केदारनाथ मंदिर के कपाट खोलने की प्रक्रिया बेहद पारंपरिक और आध्यात्मिक होती है। इस अवसर पर ढोल-नगाड़े बजाए गए और भक्तों ने जोरदार 'बाबा केदारनाथ की जय' के जयकारे लगाए। यह दृश्य एक उत्सव जैसा था, जहां हर ओर श्रद्धा और भक्ति का माहौल देखने को मिला।

इस वर्ष मंदिर को विशेष रूप से सजाया गया है। ऋषिकेश और गुजरात से आई पुष्प समिति ने मंदिर को 108 क्विंटल रंग-बिरंगे फूलों से सजाया है। फूलों की खुशबू और उनकी भव्यता ने केदारनाथ धाम को और भी दिव्य और मनोहारी रूप में प्रस्तुत किया।

टोकन सिस्टम से दर्शन होंगे और सुविधाजनक

भक्तों की भारी भीड़ को देखते हुए इस बार प्रशासन ने टोकन प्रणाली लागू की है। इसके तहत:

प्रत्येक घंटे में 1400 भक्तों को दर्शन की अनुमति दी जाएगी।

संगम पर 10 टोकन काउंटर स्थापित किए गए हैं।

टोकन लेने के बाद भक्तों को 15 मिनट पहले कतार में लगना होगा।

इस प्रणाली से दर्शन प्रक्रिया अनुशासित और सुविधाजनक हो जाएगी, जिससे श्रद्धालुओं को लंबी कतारों में खड़े होकर इंतजार नहीं करना पड़ेगा।

25 लाख से अधिक भक्त कर सकते हैं दर्शन

मौसम अनुकूल रहा तो जून से अगस्त के बीच 25 लाख से अधिक श्रद्धालु केदारनाथ धाम के दर्शन कर सकते हैं। पहले ही दिन, 1 मई की रात से ही भक्त मंदिर के द्वार खुलने का इंतजार करने लगे थे, जिससे उनकी आस्था और उत्साह स्पष्ट झलकता है।

केदारनाथ कैसे पहुंचें?

केदारनाथ पहुंचने के लिए सबसे निकटवर्ती रेलवे स्टेशन हरिद्वार है, जो दिल्ली और अन्य प्रमुख शहरों से रेल और सड़क मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है।

दिल्ली से हरिद्वार के लिए नियमित बस सेवाएं उपलब्ध हैं।

हरिद्वार से आगे आप बस या टैक्सी के जरिए गुप्तकाशी, सोनप्रयाग और फिर गौरीकुंड तक जा सकते हैं।

गौरीकुंड से केदारनाथ धाम की लगभग 16-18 किलोमीटर की पैदल यात्रा करनी होती है। हेलीकॉप्टर सेवा भी विकल्प के रूप में उपलब्ध है।