जानें कौन है पाकिस्तानी दूतावास का अधिकारी, जिसके जाल में फंसी ज्योति मल्होत्रा?

Authored By: News Corridors Desk | 18 May 2025, 10:58 AM
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हरियाणा के हिसार की रहने वाली यूट्यूबर और ट्रेवल ब्लॉगर ज्योति मल्होत्रा को पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। जांच एजेंसियों के अनुसार, उसकी गिरफ्तारी कई खुफिया इनपुट्स और सोशल मीडिया गतिविधियों की गहन निगरानी के बाद की गई।

पाकिस्तान दूतावास में इफ्तार पार्टी बना जांच का आधार

ज्योति मल्होत्रा ने 2024 में नई दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग में आयोजित एक इफ्तार पार्टी में भाग लिया था। इस आयोजन का वीडियो उसने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर साझा किया था।

वीडियो में ज्योति की मुलाकात पाकिस्तानी अधिकारी अहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश से होती दिख रही है।

जांच एजेंसियों के अनुसार, इस वीडियो से यह स्पष्ट हुआ कि ज्योति और दानिश एक-दूसरे को पहले से जानते थे और उनके बीच पहले से बातचीत चल रही थी।

कौन है पाकिस्तानी अधिकारी अहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश?

अहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश नई दिल्ली स्थित पाकिस्तान दूतावास में एक अधिकारी था। भारतीय खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, वह भारत में जासूसी गतिविधियों में शामिल था।

भारत सरकार ने उसे "पर्सोना नॉन ग्राटा" घोषित करते हुए 13 मई 2025 को 24 घंटे के भीतर देश छोड़ने का आदेश दिया।

पहली बार 2023 में पाकिस्तान गई थी ज्योति

ज्योति मल्होत्रा पहली बार 2023 में एक डेलीगेशन के साथ पाकिस्तान गई थी, जहां उसकी मुलाकात दानिश से हुई।

इसके बाद दोनों के बीच संपर्क बना रहा, और दानिश की सिफारिश पर ही ज्योति ने दोबारा पाकिस्तान यात्रा की। इस दौरान उसकी मुलाकात अली अहसान नामक व्यक्ति से हुई, जिसने वहां उसकी रहने और यात्रा की व्यवस्था की।

पाकिस्तानी खुफिया अधिकारियों से हुई मुलाकात

पाकिस्तान की दूसरी यात्रा के दौरान, अली अहसान ने ज्योति की मुलाकात पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के अधिकारियों शकीर और राणा शाहबाज से कराई।

बताया गया है कि इन मुलाकातों के दौरान ज्योति को विभिन्न भारतीय सुरक्षा से संबंधित जानकारियां जुटाने के निर्देश दिए गए।

ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ी संवेदनशील जानकारी लीक

जांच एजेंसियों का दावा है कि ज्योति ने पाकिस्तान की कुल चार यात्राएं की थीं और सभी के दौरान उसने पाकिस्तानी एजेंटों के साथ संपर्क बनाए रखा।
सबसे गंभीर आरोप यह है कि उसने भारतीय सैन्य ठिकानों और "ऑपरेशन सिंदूर" जैसी सुरक्षा कार्रवाइयों से जुड़ी संवेदनशील जानकारियां पाकिस्तानी एजेंसियों के साथ साझा कीं।

यह ऑपरेशन पहलगाम हमले के बाद शुरू किया गया था और इसमें ज्योति की भूमिका संदेह के घेरे में आ गई।

जांच एजेंसियों ने बताया कि ज्योति ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स के जरिए पाकिस्तानी एजेंटों के संपर्क में रहकर संवेदनशील सूचनाएं साझा कीं।
इसमें उसकी ट्रेवल ब्लॉगिंग और वीडियो कंटेंट का भी इस्तेमाल किया गया, ताकि सूचनाएं आसानी से विदेश पहुंचाई जा सकें।