नई दिल्ली : इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (IGNOU) में शुक्रवार को “एक राष्ट्र, एक चुनाव” विषय पर एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस पहल का उद्देश्य छात्रों और शिक्षाविदों को चुनावी सुधारों पर विमर्श के लिए मंच देना था।
मुख्य भाषण भारत सरकार के कृषि और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिया । बाबा साहेब अंबेडकर सभागार, IGNOU परिसर में आयोजित इस कार्यक्रम में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव सुनील बंसल ने भी 'एक राष्ट्र एक चुनाव' पर अपने सारगर्भित विचार रखे ।
राष्ट्र की स्थिरता व विकास के लिए “एक राष्ट्र, एक चुनाव” जरूरी - सुनील बंसल
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव सुनील बंसल ने देश में एक साथ चुनाव कराने के विचार का मजबूती से समर्थन करते हुए कहा कि इससे राष्ट्र को राजनैतिक स्थिरता मिलेगी और विकास के कार्य तेज होंगे ।
सुनील बंसल ने अपने संबोधन में कहा कि बार-बार चुनाव कराने से देश की नीतिगत प्रक्रिया बाधित होती है और शासन व्यवस्था पर निरंतर दबाव बना रहता है । लगातार होने वाले चुनावों के कारण पेश आने वाली समस्याओं की ओर लोगों का ध्यान दिलाते हुए उन्होंने कहा कि इससे विकास कार्यों में रुकावट आती है, प्रशासनिक तंत्र पर दबाव बढ़ता है और जनता पर आर्थिक बोझ पड़ता है ।
सुनील बंसल ने जोर देकर कहा कि 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' कोई राजनैतिक एजेंडा नहीं है बल्कि राष्ट्र के विकास का रोडमैप है और इससे 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प को पूरा करने में मदद मिलेगी ।
उन्होने कहा कि चुनावी खर्च में कमी आने से सरकार को विकास कार्यों के लिए अधिक संसाधन मिलेंगे और साथ में चुनावी प्रचार से होने वाले प्रदूषण और प्रशासनिक दबाव में भी कमी आएगी ।
शिवराज सिंह चौहान ने “एक राष्ट्र, एक चुनाव” के महत्व पर डाला प्रकाश
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी “एक राष्ट्र, एक चुनाव” के विचार का समर्थन करते हुए कहा कि इससे शासन व्यवस्था पर चुनावों का लगातार दबाव कम होगा और सरकारें अपने पूरे कार्यकाल में विकास के एजेंडे पर ध्यान दे सकेंगी।
शिवराज सिंह चौहान ने “एक राष्ट्र, एक चुनाव” को चुनाव सुधारों की दिशा में एक ऐतिहासिक और निर्णायक कदम बताते हुए कहा कि इससे लोकतांत्रिक व्यवस्था अधिक उत्तरदायी और प्रभावी बन सकेगी।
छात्रों की उत्साहपूर्ण भागीदारी
IGNOU के छात्रों, संकाय सदस्यों और प्रशासनिक अधिकारियों ने कार्यक्रम में सक्रिय भागीदारी दिखाई। व्याख्यान के बाद एक इंटरैक्टिव सत्र आयोजित किया गया, जिसमें छात्रों ने राजनीति, प्रशासन और कानून से जुड़े सवाल पूछे।
देशभर के विभिन्न IGNOU क्षेत्रीय केंद्रों को भी वर्चुअल माध्यम से इस कार्यक्रम से जोड़ा गया, और इसका सीधा प्रसारण विश्वविद्यालय के सोशल मीडिया चैनलों पर किया गया ।