भारत-पाकिस्तान के बीच चल रहे तनावपूर्ण हालातों के बीच भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर पाकिस्तान को सख्त चेतावनी दी है। डीजीएमओ स्तर पर हुई प्रेस ब्रीफिंग में सेना और वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने स्पष्ट कहा कि भारतीय सैन्य अड्डे पूरी तरह से सक्रिय हैं और जरूरत पड़ी तो आगे भी कार्रवाई की जाएगी। ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय वायुसेना ने आतंकवादियों के ठिकानों पर सटीक हमले किए थे।
'हमारी लड़ाई आतंकवाद से है, न कि पाकिस्तान से' – एयर मार्शल एके भारती
एयर मार्शल एके भारती ने प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि भारत की कार्रवाई केवल आतंकवादियों और उनके इंफ्रास्ट्रक्चर के खिलाफ थी। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा,
“हमने 7 मई को केवल आतंकवादी ठिकानों पर हमला किया था। लेकिन अफसोस है कि पाकिस्तानी सेना ने आतंकवादियों का साथ दिया और इस लड़ाई को अपनी बना लिया। इस कारण हमें जवाबी कार्रवाई करनी पड़ी।”
भारतीय वायुसेना प्रमुख ने यह भी बताया कि देश की एयर डिफेंस प्रणाली बेहद मजबूत है और उसे भेदना दुश्मन के लिए नामुमकिन है।
भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान को दो टूक शब्दों में आगाह किया कि देश के सभी सैन्य अड्डे सक्रिय हैं। एयर मार्शल एके भारती ने कहा,
“हमारे एयरफील्ड पूरी तरह ऑपरेशनल हैं और किसी भी मिशन को अंजाम देने के लिए तैयार हैं।”
DGMO राजीव घई का खुलासा – ‘पाकिस्तानी ड्रोन भारतीय ग्रिड से नष्ट हुए’
डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा कि पाकिस्तान के ड्रोन भारतीय एयर डिफेंस ग्रिड की वजह से विफल हो गए। उन्होंने सीमा सुरक्षा बल (BSF) की भी सराहना की और कहा कि उनकी सतर्कता से पाकिस्तान की नापाक हरकतों को रोका गया।
उन्होंने कहा, “हमारे एयर फील्ड हर प्रकार से चालू हैं, और पाकिस्तान द्वारा किए गए हमले नाकाम साबित हुए।"
ऑपरेशन सिंदूर की जरूरत क्यों पड़ी?
लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने ऑपरेशन सिंदूर की पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पिछले कुछ वर्षों में आतंकी गतिविधियों का स्वरूप बदल गया है।
2024 में शिवखोड़ी मंदिर जा रहे तीर्थयात्रियों और अप्रैल में पहलगाम में पर्यटकों पर हुए हमलों ने सीमा के पार बैठे आतंकियों के मंसूबे उजागर कर दिए थे।
उन्होंने कहा, “पहलगाम तक उनका पाप का घड़ा भर चुका था। एलओसी और अंतरराष्ट्रीय सीमा (IB) को पार किए बिना ही हमने सटीक हमले किए।”
पाकिस्तानी एयरफोर्स का हमला हुआ विफल
9-10 मई को जब पाकिस्तान की वायुसेना ने भारतीय एयरफील्ड और लॉजिस्टिक ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश की, तब भारत की एयर डिफेंस प्रणाली ने उन्हें नाकाम कर दिया। भारतीय सेना के अनुसार यह हमला पहले से अनुमानित था, इसलिए तैयारी पहले ही कर ली गई थी।