Common Civil Code: राष्ट्रपति ने कहा, संविधान में सभी नागरिकों के लिए समान संहिता का प्रावधान

Authored By: News Corridors Desk | 03 Nov 2025, 07:45 PM
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देहरादून। विधानसभाओं को संसदीय प्रणाली का महत्वपूर्ण स्तम्भ करार देते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा है कि संविधान के अनुच्छेद 44 के अंतर्गत संविधान निर्माताओं ने सभी नागरिकों के लिए समान नागरिक संहिता का प्रावधान किया था। उन्होंने संवैधानिक निर्देशों के अनुरूप समान नागरिक संहिता विधेयक को लागू करने के लिए उत्तराखंड विधानसभा के सदस्यों की सराहना की।
उत्तराखंड राज्य रजत जयंती समारोह के सिलसिले में राज्य की विधानसभा को सोमवार को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने विधायकों से कहा कि जनता से जुड़ने और जमीनी स्तर पर उनकी सेवा करने का अवसर प्राप्त करना एक बड़ा सौभाग्य है।उन्होंने कहा कि संविधान निर्माताओं ने संसदीय प्रणाली को अपनाकर निरंतर जवाबदेही को अधिक महत्व दिया लेकिन जनता के प्रति निरंतर जवाबदेही संसदीय प्रणाली की ताकत और चुनौती दोनों है।

राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हुई कि उत्तराखंड विधानसभा में 550 से अधिक विधेयक पारित हो चुके हैं, जिनमें उत्तराखंड लोकायुक्त विधेयक, उत्तराखंड जमींदारी उन्मूलन एवं भूमि सुधार विधेयक और नकल-निरोधक विधेयक शामिल हैं। उन्होंने पारदर्शिता, नैतिकता और सामाजिक न्याय से प्रेरित होकर ऐसे विधेयक पारित करने के लिए विधायकों की सराहना की।
राष्ट्रपति ने कहा कि उत्तराखंड अद्वितीय प्राकृतिक संपदा और सौंदर्य से भरपूर है। राज्य को प्रकृति के इन उपहारों को संरक्षित करते हुए विकास के पथ पर आगे बढ़ना चाहिए। उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हुई कि पिछले 25 वर्षों में, उत्तराखंड के लोगों ने विकास की प्रभावशाली उपलब्धियां हासिल की हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि 'राष्ट्र प्रथम' की भावना के साथ, उत्तराखंड विधानसभा के सदस्य राज्य और देश को तीव्र विकास के पथ पर आगे ले जाते रहेंगे।