पुणे के व्यापारियों का बड़ा फैसला, नहीं खरीदेंगे तुर्किये का सेब

Authored By: News Corridors Desk | 13 May 2025, 04:01 PM
news-banner
हाल ही में हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान भारत पर हुए ड्रोन हमलों के बाद तुर्किये की भूमिका को लेकर देशभर में गुस्सा है। इन घटनाओं के विरोध में अब महाराष्ट्र के पुणे शहर के सेब कारोबारियों ने तुर्किये से सेब खरीदना बंद करने का फैसला किया है। यह फैसला स्थानीय स्तर पर आर्थिक बहिष्कार के रूप में देखा जा रहा है।

हर साल तीन महीनों तक तुर्किये से आयातित सेब पुणे की मंडियों में बिकते हैं। इस अवधि में करीब 1200 से 1500 करोड़ रुपए का कारोबार होता है। लेकिन अब इस बाजार में बड़ा बदलाव आने वाला है क्योंकि आयातकों और खुदरा कारोबारियों दोनों ने तुर्की से सेब खरीदने से इनकार कर दिया है।

‘पाकिस्तान का समर्थन करने वाले देश से नहीं करेंगे व्यापार’

पुणे के एपीएमसी मार्केट के सेब व्यापारी सुयोग जेंदे ने बताया, “हमने तुर्किये से सेब न खरीदने का फैसला किया है क्योंकि वह पाकिस्तान का समर्थन करता है। भारत जब आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई कर रहा था, तब तुर्किये ने पाकिस्तान को अपने सोंगर ड्रोन भेजे। हम इस तरह के देश से व्यापार नहीं कर सकते।”

इस फैसले से भारतीय सेब उत्पादकों, विशेषकर हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के किसानों को बड़ा लाभ हो सकता है। व्यापारी अब इन राज्यों से सेब मंगवाने की योजना बना रहे हैं। इससे न केवल स्थानीय उत्पादकों को प्रोत्साहन मिलेगा, बल्कि विदेशी निर्भरता भी कम होगी।

जब भारत ने की थी तुर्किये की मदद

सेब व्यापारियों ने तुर्किये की दोहरी नीति पर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा, “जब तुर्किये में भूकंप आया था, तब भारत सबसे पहले मदद के लिए पहुंचा था। लेकिन अब वही देश भारत के खिलाफ खड़ा है।” इस भावना के चलते अब व्यापारी राष्ट्रहित को प्राथमिकता देने का संकल्प ले चुके हैं।

गौरतलब है कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की शुरुआत से पहले तुर्किये का एक पोत कराची बंदरगाह पर आया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस पोत में तुर्की के सोंगर ड्रोन थे। आठ और नौ मई को पाकिस्तान ने इन ड्रोन और मिसाइलों से भारत के सैन्य प्रतिष्ठानों और नागरिक इलाकों को निशाना बनाया। हालांकि, भारतीय वायु रक्षा प्रणालियों ने इन सभी हमलों को नाकाम कर दिया।