पत्रकारिता में उत्कृष्ट योगदान के लिए विभूति नारायण चतुर्वेदी को 2025 का एकेडेमी सम्मान

Authored By: News Corridors Desk | 01 Apr 2025, 02:46 PM
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प्रयागराज : वाराणसी के वरिष्ठ पत्रकार विभूति नारायण चतुर्वेदी को हिन्दुस्तानी एकेडेमी प्रयागराज की ओर से वर्ष 2025 के एकेडमी सम्मान से नवाजा गया है । उन्हे यह सम्मान पत्रकारिता के क्षत्र में उत्कृष्ट अवदान के लिए दिया गया है । 

विभूति नारायण चतुर्वेदी पिछले तीन दशकों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं । बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की डिग्री लेने के बाद उन्होने 'आज' अखबार से अपने करियर की शुरुआत की । इसके बाद कई बड़े संस्थानों में महत्वपूर्ण पदों पर रहे । दैनिक आज के अलावा अमर उजाला, यूएनआई, पीटीआई भाषा और इंडिया न्यूज़, सहारा टीवी में अपनी सेवाएं देने के बाद फिलहाल वो वाराणसी से प्रकाशित 'राष्ट्रीय सहारा' समाचार पत्र को पूर्वांचल में हेड कर रहे हैं ।

विभूति नारायण चतुर्वेदी ने पत्रकारिता के अपने लंबे करियर में राजनीति से लेकर सामाजिक जीवन के हर पहलूओं पर अपनी कलम चलाई है । मानवीय दृष्टिकोण के साथ पेशागत तटस्थता उनकी पत्रकारिता की विशेषता रही है । 

शनिवार को गांधी सभागार में हिन्दुस्तानी एकेडेमी प्रयागराज का 98वां स्थापना दिवस एवं विद्वत् सम्मान समारोह का आयोजन किया गया । इसमें पत्रकार विभूति नारायण चतुर्वेदी समेत  13 विद्वानों को सम्मानित किया गया । सम्मानित होने वालों में विभूति नारायण चतुर्वेदी , प्रो. सुरेन्द्र विक्रम , डॉ. आलोक सक्सेना , डॉ. उमेश प्रसाद सिंह एवं रामजी प्रसाद 'भैरव' , संतोष पटेरिया, डॉ. शारदा पाण्डेय, बसंत राजा, डॉ. कल्पना वर्मा, डॉ. संगीता राय, डॉ. ताहिरा परवीन, श्रीकांत शास्त्री और बांके बिहारी पाण्डेय शामिल हैं । 

इस मौके पर समारोह के मुख्य अतिथि जयप्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा के पूर्व कुलपति डॉ. हरिकेश सिंह ने एकेडेमी के महत्व पर प्रकाश डाला । उन्होने कहा कि, हिन्दुस्तानी एकेडेमी उत्तर प्रदेश  देश की भावना, उद्भावना और अभिव्यक्ति का मूल केन्द्र है। एकेडेमी 98 साल की हो गई है और शताब्दी वर्ष की ओर अग्रसर है । इसकी प्रासंगिकता को पुनर्जीवित करने के लिए एकेडेमी के गौरवशाली अतीत और योगदान के बारे में समग्र संकलन प्रकाशित किया जाना चाहिए । 

इस मौके पर एकेडेमी के सचिव देवेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि हिन्दुस्तानी एकेडेमी शीघ्र ही शतक लगाने वाली है। इसकी स्थापना तत्कालीन शिक्षा मंत्री एवं साहित्यकारों द्वारा हिन्दी के साथ साथ उसकी बोलियों के विकास एवं संवर्धन के लिए किया गया था जो अपने उद्देश्यों को फलीभूत कर रही है। कार्यक्रम में हिंदुस्तानी एकेडेमी के 16 कर्मचारियों को भी उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया गया