दिल्ली AIMIM के अध्यक्ष शोएब जमई ने हाल ही में एक बयान देकर विवाद खड़ा कर दिया है। उन्होंने कहा कि अगर जुमे के दिन मस्जिद में जगह भर जाएगी, तो सड़क पर भी नमाज होगी। जमई ने अपने बयान में यह भी कहा कि यह संभल या मेरठ नहीं, बल्कि दिल्ली है, और यहां मस्जिद में जगह कम पड़ने पर सड़कों, ईदगाहों और घरों की छतों पर भी नमाज अदा की जाएगी। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि इस व्यवस्था को सुनिश्चित करना पुलिस प्रशासन की जिम्मेदारी है।
यूपी में सड़क पर नमाज पर रोक
गौरतलब है कि हाल ही में उत्तर प्रदेश के संभल और मेरठ में प्रशासन ने रमजान के आखिरी जुमे के दिन सड़क पर नमाज पढ़ने पर प्रतिबंध लगा दिया था। इस फैसले को लेकर कई जगहों पर बहस छिड़ गई थी। प्रशासन का कहना है कि यह निर्णय सुरक्षा कारणों से लिया गया है ताकि कोई दुर्घटना न हो।
सोशल मीडिया पर शोएब जमई का बयान
शोएब जमई ने X (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कहा, “भाजपा के कुछ बड़बोले नेता दिल्ली में ईद की नमाज को लेकर गलत बयानबाजी कर रहे हैं। उन्हें यह समझना चाहिए कि यह संभल या मेरठ नहीं, दिल्ली है, हां, सबकी दिल्ली। यहां ईद की नमाज भी होगी, और अगर मस्जिद में जगह कम पड़ जाए तो सड़क पर भी होगी, ईदगाहों और घरों की छतों पर भी होगी। कांवड़ यात्रा के दौरान मुख्य सड़क को कई घंटे के लिए बंद किया जा सकता है, तो नमाज के दौरान 15 मिनट के लिए भी बंद किया जा सकता है। व्यवस्था करने की जिम्मेदारी पुलिस प्रशासन की है।”
पुलिस प्रशासन की प्रतिक्रिया
संभल के एएसपी श्रीश चंद्र ने कहा कि पारंपरिक ढंग से नमाज अदा करने पर कोई पाबंदी नहीं है, लेकिन सुरक्षा कारणों से छतों पर बड़ी संख्या में एकत्रित होने पर रोक लगाई गई है।
इसके अलावा, उन्होंने कहा कि सड़क पर नमाज पढ़ने से दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है, इसलिए प्रशासन ने निर्देश जारी किए हैं कि नमाज केवल निर्धारित ईदगाहों और मस्जिदों में ही अदा की जाए।
संभल के पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार बिश्नोई ने भी स्पष्ट किया कि “यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि परंपरागत तरीके से जिन मस्जिदों और ईदगाहों में नमाज अदा की जाती रही है, वहीं इसे सकुशल संपन्न कराया जाए।”
सड़क पर नमाज पर बढ़ता विवाद
शोएब जमई के इस बयान के बाद राजनीतिक माहौल गर्मा गया है। भाजपा नेताओं ने उनके बयान की निंदा करते हुए कहा कि धार्मिक गतिविधियों के लिए सार्वजनिक स्थानों का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए। वहीं, AIMIM समर्थकों का कहना है कि जब अन्य धर्मों के धार्मिक आयोजनों के लिए सड़कों को रोका जा सकता है, तो नमाज के लिए अस्थायी रूप से सड़कों के उपयोग पर सवाल नहीं उठना चाहिए।
दिल्ली में AIMIM अध्यक्ष शोएब जमई के इस बयान के बाद एक बार फिर से सार्वजनिक स्थानों पर नमाज पढ़ने को लेकर बहस छिड़ गई है। प्रशासन की ओर से जहां नियमों का पालन कराने पर जोर दिया जा रहा है, वहीं राजनीतिक दलों के बीच इस मुद्दे को लेकर मतभेद बने हुए हैं। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि इस विवाद पर क्या नया मोड़ आता है।